➡ मेथीदाना उष्ण, वात व कफनाशक, पित्तवर्धक, पाचनशक्ति व बल वर्धक एवं ह्रदय के लिए हितकर है | यह पुष्टिकारक, शक्ति – स्फूर्तिदायक टॉनिक की तरह कार्य करता है | सुबह – शाम इसे पानी के साथ निगलने से पेट को निरोग बनाता है, कब्ज व गैस को दूर करता है | इसकी मूँग के साथ सब्जी बनाकर भी खा सकते हैं | यह मधुमेह के रोगियों के लिए खूब लाभदायी हैं |
➡ अपनी आयु के जितने वर्ष व्यतीत हो चुके हैं, उतनी संख्या में मेथीदाने रोज धीरे – धीरे चबाना या चूसने से वृद्धावस्था में पैदा होनेवाली व्याधियों, जैसे – घुटनों व जोड़ों का दर्द, भूख न लगना, हाथों का सुन्न पड़ जाना, सायटिका, मांसपेशियों का खिंचाव, बार – बार मूत्र आना, चक्कर आना आदि में लाभ होता है | गर्भवती व स्तनपान करानेवाली महिलाओं को भुने मेथीदानों का चूर्ण आटे के साथ मिला के लड्डू बना के खाना लाभकारी है |
?? शक्तिवर्धक पेय ??
दो चम्मच मेथीदाने एक गिलास पानी में ४ – ५ घंटे भिगोकर रखें फिर इतना उबालें कि पानी चौथाई हिस्सा रह जाए | इसे छानकर २ चम्मच शहद मिला के पियें |
? औषधीय प्रयोग ?
?? कब्ज (Constipation) : २० ग्राम मेथीदाने को २०० ग्राम ताजे पानी में भिगो दें | ५ – ६ घंटे बाद मसल के पीने से मल साफ़ आने लगता है | भूख अच्छी लगने लगती है और पाचन भी ठीक होने लगता है |
??♀ जोड़ों का दर्द (Joints Pain) : १०० ग्राम मेथीदाने अधकच्चे भून के दरदरा कूट लें | इसमें २५ ग्राम काला नमक मिलाकर रख लें | २ चम्मच यह मिश्रण सुबह – शाम गुनगुने पानी से फाँकने से जोड़ों, कमर व घुटनों का दर्द, आमवात ( गठिया ) का दर्द आदि में लाभ होता है | इससे पेट में गैस भी नहीं बनेगी |
?? पेट के रोगों में : १ से ३ ग्राम मेथीदानों का चूर्ण सुबह, दोपहर व शाम को पानी के साथ लेने से अपच, दस्त, भूख न लगना, अफरा, दर्द आदि तकलीफों में बहुत लाभ होता है |
?? दुर्बलता (Weakness) : १ चम्मच मेथीदानों को घी में भूनके सुबह – शाम लेने से रोगजन्य शारीरिक एवं तंत्रिका दुर्बलता दूर होती है |
?? मासिक धर्म में रुकावट : ४ चम्मच मेथीदाने १ गिलास पानी में उबालें | आधा पानी रह जाने पर छानकर गर्म – गर्म ही लेने से मासिक धर्म खुल के होने लगता है |
?? अंगों की जकड़न : भुनी मेथी आटे में गुड़ की चाशनी मिला के लड्डू बना लें | १ – १ लड्डू रोज सुबह खाने से वायु के कारण जकड़े हुए अंग १ सप्ताह में ठीक हो जाते हैं तथा हाथ – पैरों में होनेवाला दर्द भी दूर होता है |
? विशेष : सर्दियों में मेथीपाक, मेथी के लड्डू, मेथीदानों व मूँग – दाल की सब्जी आदि के रूप में इसका सेवन खूब लाभदायी है|
? सावधानी : मेथीदाने का सेवन शरद व ग्रीष्म ऋतुओं में, पित्तजन्य रोगों में तथा उष्ण प्रकृतिवालों को नही करना चाहिए |
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